भारतीय क्रिकेट में कई युवा खिलाड़ी आए और अपने हुनर से सबको प्रभावित किया, लेकिन कुछ ही ऐसे खिलाड़ी होते हैं जो अपनी अलग पहचान बना पाते हैं।

ऋषभ पंत उन्हीं खास खिलाड़ियों में से एक हैं। विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में उन्होंने न सिर्फ टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई,
बल्कि अपने आक्रामक खेल, जुझारू मानसिकता और कठिन परिस्थितियों में मैच जिताने वाली पारियों के कारण दुनिया भर में नाम कमाया।
इस पोस्ट में आप जानने वाले हैं !
बचपन और परिवार
ऋषभ पंत का जन्म 4 अक्टूबर 1997 को रूड़की, उत्तराखंड में हुआ। उनका पूरा नाम ऋषभ राजेंद्र पंत है।
पिता राजेंद्र पंत और माता सारोज पंत हमेशा चाहते थे कि बेटा पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी अच्छा करे।
पंत बचपन से ही क्रिकेट को बेहद पसंद करते थे और अक्सर क्रिकेटर बनने का सपना देखा करते थे।
उनकी माँ ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया और पंत अक्सर बताते हैं कि अगर माँ का समर्थन न होता तो शायद वह इस मुकाम तक नहीं पहुँच पाते।
शुरुआती शिक्षा और क्रिकेट की शुरुआत
ऋषभ पंत ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दून स्कूल, देहरादून से की और बाद में दिल्ली आ गए ताकि क्रिकेट में करियर बना सकें।
उनका कोचिंग सफर दिल्ली की मशहूर क्रिकेट अकादमी सोननेट क्रिकेट अकादमी से शुरू हुआ।
यहां उनके गुरु तरक सिन्हा ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें सही मार्गदर्शन दिया।
दिल्ली आने के बाद पंत ने कई चुनौतियों का सामना किया। बड़े शहर में रहना, क्रिकेट प्रैक्टिस के साथ पढ़ाई और आर्थिक दिक्कतों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
घरेलू क्रिकेट करियर
ऋषभ पंत का करियर घरेलू क्रिकेट से ही चमक उठा।
- रणजी ट्रॉफी (2015-16) में उन्होंने दिल्ली की ओर से शानदार बल्लेबाज़ी की।
- 2016-17 रणजी सीज़न में महज़ 48 गेंदों पर शतक लगाकर उन्होंने सबका ध्यान खींचा। यह अब तक रणजी के इतिहास के सबसे तेज़ शतकों में गिना जाता है।
- विजय हजारे ट्रॉफी में भी उन्होंने तेज़तर्रार पारियां खेलीं, जिससे चयनकर्ताओं की नज़र उन पर पड़ी।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर
ऋषभ पंत ने भारत की राष्ट्रीय टीम के लिए 1 फरवरी 2017 को इंग्लैंड के खिलाफ टी20 अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया।
- टेस्ट क्रिकेट:
2018 में इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा और ओवल टेस्ट में शानदार शतक लगाया। इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसी टीमों के खिलाफ कई यादगार पारियां खेलीं।- गाबा टेस्ट (2021, ऑस्ट्रेलिया) में उनकी नाबाद 89 रन की पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे ऐतिहासिक पारियों में से एक मानी जाती है। इस पारी ने भारत को ऑस्ट्रेलिया में पहली बार गाबा टेस्ट जिताने में मदद की।
- वनडे और टी20:
पंत ने वनडे और टी20 में भी अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी से कई मैच जिताए। हालांकि कभी-कभी उनके शॉट चयन पर सवाल उठे, लेकिन उनकी क्षमता को हर कोई मानता है।
आईपीएल करियर
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने ऋषभ पंत को बड़ा मंच दिया।
- 2016 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने उन्हें खरीदा।
- 2018 और 2019 सीज़न में पंत ने कई तूफानी पारियां खेलीं।
- उन्होंने 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 128 रन की शानदार पारी खेली, जो IPL इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक मानी जाती है।
- 2021 में उन्हें दिल्ली कैपिटल्स का कप्तान बनाया गया और उनकी कप्तानी में टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया।
खेल शैली
ऋषभ पंत अपनी तेज़ और आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं। वह किसी भी गेंदबाज़ पर हावी हो सकते हैं और बड़ी पारी खेलने की क्षमता रखते हैं। विकेटकीपिंग में भी वह तेज़ और फुर्तीले हैं।
लोग अक्सर उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी से करते हैं, लेकिन पंत ने अपने अलग अंदाज़ और आक्रामकता से अलग पहचान बनाई है।
व्यक्तिगत जीवन और हादसा
पंत का जीवन हमेशा आसान नहीं रहा। दिसंबर 2022 में दिल्ली-देहरादून हाइवे पर उनका एक बड़ा सड़क हादसा हुआ।
उनकी कार बुरी तरह जल गई थी, लेकिन पंत किसी तरह बच गए। हालांकि उन्हें कई चोटें आईं और लंबे समय तक मैदान से दूर रहना पड़ा।
यह घटना उनके करियर के लिए एक बड़ा झटका थी, लेकिन पंत ने हिम्मत नहीं हारी और आज भी वह वापसी की तैयारी में जुटे हैं।
उपलब्धियां और रिकॉर्ड
- रणजी ट्रॉफी में सबसे तेज़ शतक लगाने वालों में शामिल।
- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट में ऐतिहासिक पारी।
- आईपीएल में सबसे कम उम्र में 1000 रन पूरे करने वालों में एक।
- 2018 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर।
ऋषभ पंत का क्रिकेट में योगदान
ऋषभ पंत सिर्फ एक बल्लेबाज़ या विकेटकीपर नहीं, बल्कि वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य का भरोसा हैं।
उनकी पारी टीम को संकट से बाहर निकालने की क्षमता रखती है।
आने वाले समय में वह भारतीय टीम के लिए और भी बड़े रिकॉर्ड बना सकते हैं।
निष्कर्ष
ऋषभ पंत की कहानी संघर्ष, मेहनत और जज़्बे की मिसाल है। छोटे शहर से निकलकर उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में नाम कमाया और अपने खेल से करोड़ों लोगों का दिल जीता। हादसे के बाद भी उनकी जिजीविषा और वापसी की तैयारी यह साबित करती है कि असली खिलाड़ी वही होता है जो कभी हार नहीं मानता।
आने वाले वर्षों में उम्मीद है कि ऋषभ पंत न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ियों में गिने जाएंगे।