राजकोट, गुजरात में स्थित निरंजन शाह स्टेडियम क्रिकेट के प्रशंसकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। इसे इसकी सपाट पिच और बल्लेबाजी के लिए अनुकूलता के लिए जाना जाता है।
यहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुकाबले आयोजित होते हैं।अधिकांश समय, इस मैदान पर बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा मिलता है,

जिसकी वजह से ज्यादातर मैचों में उच्च स्कोर देखने को मिलते हैं।
यहां पिच की समतलता और घास की कमी के कारण गेंद बल्ले पर आसानी से आती है, जिससे बड़े-बड़े शॉट्स भी देखने को मिलते हैं।
खासकर, आखिरी ओवरों में बल्लेबाजों को अतिरिक्त एडवांटेज मिलता है।
आसान शब्दों में कहें तो, निरंजन शाह स्टेडियम क्रिकेट के प्रशंसकों के लिए एक आइडियल लोकेशन है।
इस पोस्ट में आप जानने वाले हैं !
स्टेडियम की मुख्य जानकारी
- स्थान: राजकोट, गुजरात, भारत
- स्थापना: स्टेडियम का उद्घाटन 2008 में हुआ।
- क्षमता: यहां लगभग 28,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है।
- पिच प्रकृति: पिच बल्लेबाजों के अनुकूल मानी जाती है। यहां वनडे और टी20 मैचों में हाई-स्कोरिंग गेम्स होते हैं।
- पहला अंतरराष्ट्रीय मैच: पहला वनडे मैच 11 जनवरी 2013 को भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था।
- ड्रेसिंग रूम: खिलाड़ियों के लिए मॉडर्न फैसिलिटीज वाले ड्रेसिंग रूम उपलब्ध हैं।
- प्रकाश व्यवस्था: यहां फ्लड लाइट्स की सुविधा है, जिससे डे-नाइट मैचों का आयोजन संभव है।
- आधिकारिक नाम: इसे Saurashtra Cricket Association Ground के नाम से भी जाना जाता है।
स्टेडियम की पिच का स्वरूप और व्यवहार
बल्लेबाज के लिए फायदेमंद
यहाँ की पिच की सतह सपाट और कठोर होती है, जिसकी वजह से गेंद बल्ले पर बहुत आसानी से आती है। इसी कारण, बल्लेबाज अपने Shots खुलकर खेल सकते हैं।
यह पिच केवल किसी एक Format तक सीमित नहीं है। चाहे Limited Overs हो या Test Match, बल्लेबाजों को बड़े स्कोर बनाने का भरपूर Chance मिलता है।
तेज गेंदबाज के लिए सीमित मदद
तेज गेंदबाजों को शुरुआती कुछ ओवरों में नई गेंद से हल्की Swing या Seam Movement मिलती है, खासकर सुबह के समय खेले जाने वाले मैचों में।
लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, पिच सपाट होने लगती है, जिससे तेज गेंदबाजों के लिए चुनौती बढ़ जाती है।
स्पिनरों का प्रभाव
खेल के मध्य और अंतिम चरणों में स्पिनरों की भूमिका अहम हो जाती है।
पिच में सूखापन और दरारें पड़ने के कारण स्पिनरों को अच्छी Turn और Grip मिलती है।
खासकर Test Match के चौथे और पांचवें दिन, स्पिनरों का प्रभाव काफी बढ़ जाता है।
टी20 और वनडे मैचों के लिए शानदार
टी20 और वनडे मुकाबलों में यह पिच बेहद अनुकूल मानी जाती है। टी20 मैचों में 180-200 का स्कोर सामान्य रहता है, जबकि वनडे में 300+ Target आम बात है।
बल्लेबाजों के आक्रामक Shots और गेंदबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों की वजह से यहां कई High-Scoring मुकाबले देखे जाते हैं।
टेस्ट मैच के दौरान संतुलन
टेस्ट मैचों के शुरुआती दिनों में बल्लेबाजों को काफी मदद मिलती है।
तीसरे और चौथे दिन पिच में बदलाव शुरू होता है, जिससे स्पिनरों को फायदा मिलता है। इस कारण टेस्ट क्रिकेट में इस पिच पर संतुलन बना रहता है।
स्टेडियम में मौसम का प्रभाव
गर्मी एवं शुष्क मौसम
गर्मियों के दौरान राजकोट का तापमान काफी ज्यादा होता है। ऐसी स्थिति में पिच तेजी से सूख जाती है, जिससे यह बल्लेबाजों और स्पिन गेंदबाजों दोनों के लिए अनुकूल हो जाती है।
गर्म और शुष्क परिस्थितियों में पिच पर दरारें बनने की संभावना रहती है, जो Test Matches के दौरान स्पिनरों को अतिरिक्त Turn और Bounce प्रदान करती है।
सर्दियों का प्रभाव
सर्दियों की सुबह हल्की नमी देखी जाती है, जिससे तेज गेंदबाजों को शुरुआती ओवरों में हल्की Swing मिलती है।
जैसे-जैसे दिन चढ़ता है और सूरज की गर्मी बढ़ती है, पिच सपाट हो जाती है, जिससे बल्लेबाजों को अतिरिक्त Advantage मिलने लगता है।
बारिश और नमी का प्रभाव
राजकोट में बारिश की संभावना कम होती है, लेकिन अगर बारिश हो, तो पिच में नमी बढ़ जाती है। इस स्थिति में गेंदबाजों को अतिरिक्त मदद मिलती है,
और गेंद की Movement बल्लेबाजों के लिए चुनौती खड़ी कर देती है। हालांकि, बारिश के बाद जब पिच सूखती है, तो यह बल्लेबाजों के लिए फिर से बेहतर हो जाती है।
डे-नाइट मैचों पर प्रभाव
Day-Night Matches के दौरान ओस का असर काफी बढ़ जाता है। शाम के समय ओस गिरने से गेंद गीली हो जाती है, जिससे स्पिनरों और तेज गेंदबाजों दोनों को गेंद पर Grip करना मुश्किल होता है।
इस स्थिति में बल्लेबाजों को बड़े Shots खेलने में आसानी होती है। दूसरी पारी के दौरान बल्लेबाजी अपेक्षाकृत और भी आसान हो जाती है, जिससे ओस का बल्लेबाजों को फायदा मिलता है।
निरंजन शाह स्टेडियम, राजकोट से जुड़े 4 सामान्य प्रश्न (FAQs):
Q1. क्या निरंजन शाह स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए बेहतर है या गेंदबाजों के लिए?
Ans. हमने पहले भी बताया है कि यह पिच Flat और Hard है, जिससे गेंद आसानी से बल्ले पर आती है। तेज गेंदबाजों को सीमित Swing मिलता है,
जबकि स्पिनर्स को बीच और आखिरी चरणों में मदद मिलती है। ज्यादातर बल्लेबाज यहां खुलकर Shots खेलते हैं, जिससे कई हाई-स्कोरिंग मैच देखने को मिलते हैं।
Q2. राजकोट में ओस का खेल पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Ans. Day-Night मैचों के दौरान शाम को Dew गिरने से गेंद गीली हो जाती है, जिससे गेंदबाजों को अच्छी Grip मिलना मुश्किल हो जाता है।
दूसरी पारी में बल्लेबाजी और भी आसान हो जाती है, जिससे बड़े स्कोर का पीछा करना संभव हो पाता है।
Q3. क्या राजकोट के मौसम का पिच पर असर होता है?
Ans. जी हां, गर्म और शुष्क मौसम पिच को और अधिक Flat बनाकर बल्लेबाजों के लिए बेहतर बनाता है। सर्दियों में सुबह तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है। वहीं, बारिश या ओस गेंदबाजों के लिए चुनौती खड़ी कर देती है।
Q4. राजकोट स्टेडियम में औसत T20 और वनडे स्कोर कितना होता है?
Ans. इस स्टेडियम में T20 का औसत स्कोर 180-200 के बीच रहता है, जबकि वनडे में 300+ रन सामान्य है। यहां बल्लेबाजों को बड़े Shots खेलने के काफी मौके मिलते हैं।